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मुख्यमंत्री ने कश्मीर के पहलगाम में हुयी आतंकी घटना को बताया राष्ट्रीय एकता पर हमला।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आशीर्वाद वाटिका, ऋषिकेश में भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा हम सबने मिलकर बाबा साहब के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए जाति, भाषा और क्षेत्र के भेदभाव को मिटाकर एक समरस, संगठित और सशक्त भारत का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के समान अधिकार की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में आयोजित सम्मान अभियान बाबा साहब के राष्ट्र निर्माण में दिए गए  योगदान को स्मरण करने , उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बना है। इस अभियान के तहत प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और संवाद-गोष्ठियों का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित है। बाबा साहेब द्वारा समाज के वंचित, शोषित और उपेक्षित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया संघर्ष हमेशा अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुँचना अंत्योदय के स्वप्न को साकार करता है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहब की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व घोषित, बाबा साहब की पुण्य स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री जी ने बाबा साहेब के विचारों और योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के लिए कार्य किया है। उनके कल्याण के लिए आम बजट में विशेष वृद्धि एवं आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जा रहे हैं। दलित उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून को और अधिक सख्त बनाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं में गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने कार्य कर रही है। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ उनके लिए प्रदेश में निःशुल्क 15 छात्रावासों, 5 आवासीय विद्यालयों और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को घर बनाने हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण कराये जाने की घोषणा की है।

इस अवसर पर पहलगाम में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री ने कश्मीर के पहलगाम में हुयी आतंकी घटना को राष्ट्रीय एकता पर हमला बताते हुए कहा कि इस घिनौनी वारदात ने हम सभी को एक साथ आने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा जब तक हम सभी एक नहीं होंगे, तब तक ऐसी ताकतें हमें निशाना बनाती रहेंगी।

मुख्यमंत्री ने किया आइकॉनिक सिटी ऋषिकेश राफ्टिंग बेस स्टेशन का शिलान्यास।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ऋषिकेश गंगा कोरिडोर परियोजना के प्रथम चरण के अन्तर्गत आइकॉनिक सिटी ऋषिकेश राफ्टिंग बेस स्टेशन का शिलान्यास किया। परियोजना के पहले चरण में इसका निर्माण शिवपुरी से मुनी की रेती तक किया जाएगा। भारत सरकार के द्वारा इसके लिए 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गयी है, परियोजना को 02 वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश में बहुमंजिला कार पार्किंग और कार्यालय भवन निर्माण का भी शिलान्यास किया। नगर निगम ऋषिकेश की भूमि पर बहुमंजिला कार पार्किंग और कार्यालय निर्माण का कार्य लगभग 136 करोड़ रूपये की लागत से एमडीडीए द्वारा किया जायेगा। लगभग 10 हजार 441 वर्ग मी. भूमि पर 1038 वाहनों के लिए बहुमंजिला पार्किंग और नगर निगम ऋषिकेश, जल संस्थान ऋषिकेश और यूपीसीएल के कार्यालयों के लिए भवन निर्माण किया जायेगा। पार्किंग और कार्यालय निर्माण में अग्निशमन सुरक्षा, आधुनिक सीसीटीवी, एक्सैस कंट्रोल सिस्टम के साथ ही वर्षा जल संचय, सोलर लाईट, लिफ्ट, हरित क्षेत्र और अन्य कार्य किये जायेंगे।

नगर निगम ऋषिकेश के अन्तर्गत लगभग 01 करोड़ 51 लाख के विभिन्न कार्यों का भी मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यावरण मित्रों को मेडिकल किट और यात्री मित्र किट भी प्रदान किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाइड्रोजेल वाटरलेस टॉयलेट का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में राफ्टिंग बेस स्टेशन बनने से राफ्टिंग क्षेत्र से जुड़े स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ेगें। ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में हम एक कदम और आगे बढ़े हैं। राफ्टिंग बेस स्टेशन के साथ ही पर्यटकों के लिए आरामदायक स्टेशन और नदी किनारे बोर्डवॉक का भी निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए राफ्टिंग मार्गों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था विकसित किये जाने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे, एसओएस अलार्म और आपातकालीन सहायता स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में एक हजार से अधिक वाहनों की क्षमता वाले बहुमंजिला पार्किंग के बनने के बाद ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या से काफी राहत मिलेगी। चारधाम यात्रा के समय ऋषिकेश में होने वाली ट्रैफिक जाम की स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। अलग-अलग विभागों के कार्यालय एक ही छत के नीचे बनने से आम जन को काफी सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य हर क्षेत्र मे तेजी से आगे बढ़ रहा है। सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की दिशा में अनेक कार्य हुए हैं। चारधाम सड़क परियोजना और ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में सोलह सौ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने का प्रयास किये गये हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे निर्माण की दिशा में भी कदम बढ़ाया गया है। क्षेत्र में सुगम जल आपूर्ति के लिए 557 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं के साथ ही 183 करोड़ रुपए की लागत से सीवर लाइन के निर्माण पर भी कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए वैश्विक स्तर की सुविधा, रोपवे की बेहतर सुविधा और शटल सेवाएं होंगी तो आने वाले समय में ऋषिकेश पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करेगा, जिससे व्यवसाय एवं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वर्ष में एक दिन मिलकर तिरंगे के साथ गंगा नदी में राफ्टिंग करें, इससे देश भक्ति का एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ग्राउंड जीरो पर पहुंचे सीएम धामी, ट्रांजिट कैंप का किया औचक निरीक्षण।

चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप में एल.ई.डी. स्क्रीन के माध्यम से यात्रियों के लिए भजन, रामायण, महाभारत, चारधाम यात्रा संबंधी कहानियों एवं आरतियों को दिखाया जाएगा तथा मौसम संबंधित जानकारियां उपलब्ध करायी जायेगी। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ऋषिकेश में चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप (यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय) के औचक निरीक्षण के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने आगामी चारधाम यात्रा को लेकर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कार्यालय में पंजीकरण कक्ष, यात्रा पूछताछ एवं सहायता केंद्र, चिकित्सालय, पुलिस सहायता /खोया पाया केन्द्र जैसी विभिन्न व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा से पहले ट्रांजिट कैंप में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को 24 घंटे चालू रखी जाए। उन्होंने कहा ट्रांजिट कैंप में पुलिस, परिवहन, नगर निगम, स्वास्थ्य, जल, पर्यटन, विद्युत, आदि विभागों का संयुक्त हेल्पडेस्क सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में बनाया जाए, जिससे लोगों को एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं उपलब्ध हो।

उन्होंने कहा हमने श्रद्धालुओं का सहयोगी बनकर यात्रा को सफल बनाना है, जिससे हर श्रद्धालु की यात्रा सकुशल सम्पन्न हो एवं वे उत्तराखंड से यात्रा के अच्छे अनुभव लेकर जाएं। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ट्रांजिट कैंप में श्रद्धालुओं के ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था हो एवं गर्मी से बचाव के लिए कूलर, स्वच्छ पेयजल, टीन शेड, कुर्सियों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा ट्रांजिट कैंप स्थित अस्पताल में सभी प्रकार की दवाइयों की व्यवस्था और चिकित्सकों की तैनाती हो। उन्होंने कहा भीड़ प्रबंधन एवं ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष तौर पर एक्शन प्लान बनाकर प्राथमिकता से कार्य हो।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ट्रजिट कैंप में स्थापित रिसेप्शन में चारधाम यात्रा प्रचार सामग्री  उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा  श्रद्धालुओं को चार धाम के साथ ही अन्य स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाए। उन्होंने ट्रांजिट परिसर में स्थापित खोया-पाया केन्द्र को संपूर्ण यात्रा मार्गो से समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा ट्रांज़िट कैंप परिसर में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए अलग से स्थान हो। उन्होंने कहा ट्रांजिट कैंप परिसर का चार धाम से संबंधित सभी जिलों में परस्पर समन्वय हो।

मुख्यमंत्री ने ट्रांजिट कैंप के कार्यरत कर्मचारियों से भी मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा सभी कर्मचारियों के ऊपर चार धाम यात्रा की बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे निश्चित ही सभी लोग बखूबी निभाएंगे। उन्होंने कहा हमने अपने व्यवहार से सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करना है ताकि वो यात्रा से अच्छा अनुभव लेकर जाएं। आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे ने बताया कि चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप में 24 काउन्टर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त रिर्जव टीम की तैनाती भी की गई है। यात्रा चिकित्सालय में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। साथ ही पुलिस सहायता केन्द्र में पुलिस द्वारा पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित किया गया है।

आयुक्त गढ़वाल ने बताया कि यात्रा ट्रांजिट कैंप में मीडिया सेंटर की व्यवस्था की गई है। केन्द्र में यात्री मित्र तैनात किये जायेगें, जो यात्रियों को विभिन्न सुविधाओं / जानकारियां प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न एन.जी.ओ एवं संगठनों द्वारा यात्रियों को निशुल्क भोजन, जलपान एवं खाद्य सामग्री की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी एवं कैंटीन की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाई गई है साथ ही जल संस्थान द्वारा टेंकर उपलब्ध कराये जायेगे। उन्होंने बताया इसके अतिरिक्त 4 डोरमेट्री सुविधा मय 80 बेड भी उपलब्ध है।

चारधाम यात्रा को लेकर मॉक ड्रिल संपन्न, मॉक ड्रिल में मिली कमियों की जल्द किया जायेगा दुरुस्त- सचिव आपदा प्रबंधन

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में गुरुवार को चारधाम यात्रा को लेकर एनडीएमए और यूएसडीएमए द्वारा संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। चारधाम यात्रा से जुड़े सात जनपदों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई। मॉक ड्रिल के जरिये विभिन्न विभागों की चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियों को परखा गया तथा जिन क्षेत्रों में कुछ कमियां दिखीं, उन्हें दुरुस्त करने के लिए एनडीएमए के अधिकारियों द्वारा अहम सुझाव दिए गए।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निकट पर्यवेक्षण में संचालित यह मॉक ड्रिल चारधाम यात्रा के मुख्य जनपद उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग तथा ट्रांजिट जनपद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी में आयोजित की गई। घटना प्रतिक्रिया प्रणाली यानी आईआरएस के तहत आयोजित इस मॉक ड्रिल में चारधाम यात्रा को लेकर विभिन्न विभागों की तैयारियों का धरातल पर परीक्षण किया गया। मॉक ड्रिल का समन्वय राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से किया गया।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग श्री विनय कुमार रुहेला ने कहा कि मॉक ड्रिल एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसके माध्यम से चारधाम यात्रा की तैयारियों को और अधिक पुख्ता करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी लगातार चारधाम यात्रा को लेकर प्रत्येक विभाग की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। सभी विभागों द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं हैं ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास  विनोद कुमार सुमन ने कहा कि चारधाम यात्रा के सुगम तथा सुव्यवस्थित संचालन के लिए माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनडीएमए के साथ मिलकर मॉक ड्रिल आयोजित करने के लिए निर्देशित किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश थे कि चारधाम यात्रा के लिए विभिन्न विभागों की तैयारियों को परखने के लिए एनडीएमए के साथ मिलकर मॉक अभ्यास किया जाए ताकि यात्रा से पहले व्यवस्थाओं को और चाक-चौबंद किया जा सके। विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी रेखीय विभागों को एक मंच पर लाना था ताकि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा तथा आकस्मिक स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य में हम काफी हद तक सफल हुए हैं। विभिन्न विभागों के बीच अच्छा समन्वय और तालमेल देखने को मिला। कहीं जो कुछ भी कमियां मिली हैं, उन्हें चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य कुछ नया सीखना और कहीं किसी प्रकार के गैप्स रह गए हैं तो उन्हें दूर करना था ताकि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए संकल्पबद्ध है तथा विभिन्न रेखीय विभागों के साथ बेहतर समन्वय से कार्य किया जा रहा है।

एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल के दिशा-निर्देशन में मॉक ड्रिल का संचालन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से किया गया। बारी-बारी मॉक ड्रिल की सभी साइट्स पर तैनात इंसीडेंट कमांडरों से जानकारी ली गई कि उनके द्वारा संबंधित आपदा का किस प्रकार सामना किया गया। उपलब्ध संसाधनों की जानकारी ली गई। रिस्पांस टाइम के बारे में पूछा गया। इस दौरान मेजर जनरल सुधीर बहल ने जहां अच्छा किया गया उसके लिए जनपदों की पीठ भी थपथपाई और जहां कमियां रहीं, उन पर सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

इस दौरान एनडीएमए की टीम ने रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल का निरीक्षण भी किया। मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तथा निकासी प्लान बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूकंप तथा अन्य आपदाओं को लेकर हर माह स्कूल में मॉक ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए। बच्चों को फर्स्ट एड प्रदान करने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि बच्चे आपात स्थिति में दूसरों की मदद कर सकें। साथ ही उन्होंने स्कूल में भूकंप का सायरन लगाए जाने के भी निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कोरेनेशन अस्पताल का भी दौरा किया और अस्पताल का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए।

एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने मॉक ड्रिल के बाद शाम को डिब्रीफिंग कर चारधाम यात्रा के लिए अहम सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि राज्य व जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र में पुलिस तथा पर्यटन विभाग के कंट्रोल रूम की फीड होनी चाहिए ताकि मॉनीटरिंग का दायरा बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि यात्रियों से अधिक से अधिक संख्या में चारधाम यात्रा एप को डाउनलोड कराया जाए। इस एप में यात्रियों को वेदर फोरकास्ट, वेदर एलर्ट देने की व्यवस्था की जाए। टै्रफिक मैनेजमेंट प्लान की जानकारी भी इस एप के जरिये यात्रियों को दी जाए ताकि उन्हें जाम तथा वैकल्पिक मार्गों की स्थिति पता चल सके। भूस्खलन क्षेत्र की जानकारी भी इस ऐप के जरिये मुहैया कराई जाए। भूस्खलन अथवा टै्रफिक जाम की वजह से अधिक संख्या में यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए होल्डिंग ऐरिया को चिन्हित किया जाए, जहां वाहनों को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों तथा डेंजर जोन में साइनेज अनिवार्य रूप से लगाए जाने चाहिए ताकि यात्री संभलकर यात्रा करें। इसके साथ ही उन्होंने होटल तथा धर्मशालाओं का फायर सेफ्टी आडिट भी अनिवार्य रूप से कराने को कहा। लैंडस्लाइड जोन के दो किमी के दायरे में जेसीबी तथा अन्य उपकरण तैनात किए जाएं, ताकि समय पर मार्ग को खोला जा सके। नो नेटवर्क जोन में संबंधित विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए, ताकि किसी आपात स्थिति में यात्री मदद के लिए बात कर सकें। उन्होंने कहा कि जो यात्री हेलीकॉप्टर से सीधे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाते हैं, उन्हें हाई एल्टीट्यूड सिकनेस की समस्या हो सकती है। उन्हें संभावित खतरे से बचाने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर तथा हेलीपैड की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने यूकाडा को एसओपी बनाने के निर्देश दिए।

बदरीनाथ धाम में भगदड़ के परिदृश्य पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने भगदड़ का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। इसके लिए उन्होंने चमोली के जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी को बधाई दी। जिलाधिकारी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए मैटिंग की व्यवस्था की गई है। रेलिंग को मजबूत किया गया है ताकि वे टूटे नहीं। कतार में लगे बुजुर्ग यात्रियों के बैठने के लिए बीच-बीच में बैंच की व्यवस्था की गई है। अधिक संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है।

सिधु जल संधि पर रोक पाकिस्तान को करारा जवाब।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल एवं निर्णायक नेतृत्व में हुई सीसीएस बैठक में आतंकवाद के खिलाफ लिए गए ऐतिहासिक और कठोर निर्णय पर अब कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। इसी क्रम में भारत सरकार ने सिंधु जल संधि पर रोक लगाकर पाकिस्तान को करार जवाब दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उठाए गए ये साहसिक कदम न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति पर मुहर लगाते हैं, बल्कि इससे दुश्मनों को भी यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत हर एक आतंकी हमले का मुँहतोड़ जवाब देने का तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सिंधु जल संधि पर रोक लगाकर साफ कर दिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। इस निर्णायक फैसले से आतंक को पनाह और बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के मंसूबे चकनाचूर होंगे। इसी तरह अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करने सहित अन्य फैसलों से भी पाकिस्तान को कड़ा संदेश गया है।

यज्ञ, कर्मकांड, वेद में सर्टिफिकेट कोर्स की होगी व्यवस्था, 16 संस्कार के बेहतर प्रशिक्षण पर जोर, जिलों में बनाए जाएंगे नोडल अधिकारी।

उत्तराखंड सरकार संस्कृत भाषा के जरिए युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत यज्ञ, कर्मकांड, वेद में सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही संस्कृत का अध्ययन कर रहे बच्चों को 16 संस्कार के बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। पहले चरण में 100 बच्चों को और उसके बाद हर साल एक लक्ष्य निर्धारित कर युवाओं को 16 संस्कारों की शिक्षा दी जाएगी। संस्कृत के क्षेत्र में शिक्षण, लेखन और संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्द्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों लोगो को हर साल सम्मानित किया जाए।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी की सामान्य समिति की 10वीं बैठक ली। बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड योग, आयुष, ऋषि-मुनियों और संस्कृत की भूमि रही है। राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत को राज्य में तेजी से बढ़ावा देने के लिए स्कूल और कॉलेज में संस्कृत में वाद-विवाद, निबंध लेखन, श्लोक प्रतियोगिताएं कराई जाए। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जिलों में नोडल अधिकारी बनाये जाएं। इसके साथ ही सभी कार्यालयों में नाम पट्टिका संस्कृत भाषा में भी लिखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जिन राज्यों में अच्छा कार्य हुआ है, उन राज्यों की बैस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन कर, राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कार्य किये जाएं।

वही, संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि अभी राज्य के सभी जिले के एक गांव में कुल 13 गांवों को संस्कृत ग्राम बनाया जा रहा है। इसे चरणबद्ध तरीके से ब्लॉक स्तर तक बढ़ाया जायेगा। राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत के छात्रों को छात्रवृत्ति योजना और पुजारियों को प्रोत्साहन योजना जैसी व्यवस्था बनाये जाने का सुझाव दिया। बैठक में समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में संस्कृत के प्रश्न जोड़े जाने चाहिए। संस्कृत में शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हालांकि, राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए बैठक में आगामी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।

साथ ही निर्णय लिया गया कि संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाने के लिए 01 लाख लोगों को ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सरल संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण दिया जायेगा। संस्कृत वेदों के अध्ययन की सुविधा के लिए वेद अध्ययन केन्द्र बनाये जायेंगे। संस्कृत के क्षेत्र में सराहनीय काम करने वाले संस्कृत विद्यालयों को सम्मानित किया जायेगा। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तमाम समसामयिक विषयों पर लघु फिल्म बनाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए देश -विदेश के विश्वविद्यालयों, संस्कृत अकादमी, संस्कृत संस्थानों द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों, गतिविधियों से सबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए राज्य में सम्मेलन किया जायेगा।

उत्तराखंड की अभिनव परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली UK-GAMS को प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

उत्तराखंड सरकार की अभिनव पहल, उत्तराखंड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (UK-GAMS) को “नवाचार – राज्य श्रेणी के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा प्रदान किया गया। यह राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार नवाचार के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य को पहली बार मिला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर ये महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।

UK-GAMS सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण, पारदर्शिता की कमी और जवाबदेही से जुड़ी चुनौतियों का समाधान अत्याधुनिक तकनीक द्वारा करता है। यह एक AI आधारित जियोस्पेशियल निगरानी प्रणाली है, जो उच्च गुणवत्ता (50 सेंटीमीटर रिज़ॉल्यूशन) के सेटेलाइट डेटा और राज्य में ही विकसित AI मॉडल का उपयोग करते हुए सरकारी परिसंपत्तियों का डिजिटलीकरण, जियो-फेंसिंग और प्रभावी निगरानी करती है। पहले असंगठित रिकॉर्ड, कागजी नक्शे और विभागों के बीच जानकारी की कमी के कारण जमीनों का दुरुपयोग या अतिक्रमण समय रहते पकड़ना मुश्किल होता था। UK-GAMS ने सभी विभागों को एक एकीकृत, गतिशील डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर इस स्थिति में व्यापक बदलाव किया है।

अब तक, उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में 66,000 से अधिक सरकारी परिसंपत्तियों को डिजिटलीकृत एवं UK-GAMS प्लेटफॉर्म पर जोड़ा जा चुका है। अब तक 188 भूमि उपयोग परिवर्तनों को चिन्हित कर संबंधित विभागों द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है। इससे राज्य में पारदर्शिता बढ़ी है, अनधिकृत निर्माण रुके हैं और विभिन्न विभागों के बीच प्रशासनिक कार्रवाई की गति तेज हुई है। यह सम्मान उत्तराखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (USAC) के वैज्ञानिकों की टीम के सतत प्रयासों तथा राज्य में अंतरिक्ष व भू-स्थानिक (स्पेस / जियोस्पेशियल) तकनीकी समाधान के माध्यम से शासन को बेहतर बनाने की उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम है। श्रीमती नितिका खंडेलवाल, निदेशक, USAC के नेतृत्व में इस परियोजना की संकल्पना, विकास और क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किया गया। उनके इस उत्कृष्ट योगदान हेतु उन्हें प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) के सचिव द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

इस प्रणाली की सफलता के पीछे इसका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन मॉडल भी महत्वपूर्ण है। इसके तहत राज्य के 60 से अधिक विभागों एवं 47 स्वायत्त संस्थाओं के 6,600 से अधिक फील्ड अधिकारियों और लगभग 1,000 विभागीय पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। यह पुरस्कार उत्तराखंड राज्य के लिए गौरव का विषय तो है ही, साथ ही AI और सेटेलाइट तकनीक के माध्यम से सार्वजनिक परिसंपत्तियों को सुरक्षित करने, पारदर्शिता बढ़ाने और सक्रिय प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। UK-GAMS अन्य राज्यों और सेक्टरों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बन सकता है, जो सार्वजनिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा तथा डिजिटल गवर्नेस के भविष्य को सुदृढ करेगा।

वही, सीएम धामी ने कहा कि “उत्तराखंड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (UK-GAMS) को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त होना हम सभी उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व की बात है। यह पुरस्कार न केवल हमारी सरकार की पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासनिक व्यवस्था को मान्यता देता है, बल्कि यह दिखाता है कि टेक्नोलॉजी और नवाचार के माध्यम से किस प्रकार शासन को अधिक प्रभावी और जनहितकारी बनाया जा सकता है। हमारा लक्ष्य है कि इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाकर, इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाए, ताकि उत्तराखंड एक डिजिटल, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन का अग्रणी राज्य बने। यह पुरस्कार हमें और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा देता है।”

भाषा नहीं बनेगी बाधा, स्क्रीनिंग, स्टाफ और विशेषज्ञ, हर धाम पर स्वास्थ्य सुरक्षा का संकल्प।

चारधाम यात्रा 2025 को लेकर उत्तराखंड सरकार पूरी तरह से सतर्क और सक्रिय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने ज़मीनी स्तर पर व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। सरकार और विभाग की समर्पित कोशिश इस वर्ष की चारधाम यात्रा को न केवल सुरक्षित बल्कि सुगम और संगठित बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार लगातार चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। उनके नेतृत्व में न केवल ज़मीनी स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, बल्कि विशेषज्ञों के समन्वय से संपूर्ण यात्रा मार्ग पर एक सुगठित, आधुनिक और सुलभ स्वास्थ्य ढांचा तैयार किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि हर श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक सफर को स्वस्थ और सुरक्षित रूप से पूर्ण कर सके—हर पड़ाव पर एक मज़बूत और सुलभ स्वास्थ्य सेवा के सहयोग से।

सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा मार्ग पर तैनात सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ सचिवालय स्थित अपने सभा कक्ष में समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि स्थाई और अस्थाई सभी चिकित्सा इकाइयों को आवश्यक दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों और प्रशिक्षित मानव संसाधन के साथ पूरी तरह से तैयार रखा जाए। साथ ही यात्रा के दौरान डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। श्रद्धालुओं को सहज व स्पष्ट स्वास्थ्य जानकारी प्रदान करने के लिए बहुभाषी हेल्थ एडवाइजरी तैयार की जा रही है, जो 13 विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध होगी। यह एडवाइजरी यात्रा मार्ग पर होटलों, रेस्टोरेंट्स, पार्किंग स्थलों आदि पर QR कोड के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रदान की जाएगी। साथ ही जाम संभावित क्षेत्रों एवं प्रमुख ठहराव स्थलों पर बड़े होर्डिंग्स के माध्यम से भी स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता का प्रचार किया जाएगा।

17 बेड वाले केदारनाथ चिकित्सालय का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। कार्यदायी संस्था ने यात्रा आरंभ से पूर्व इसकी दो मंज़िलें पूर्ण रूप से संचालित करने का भरोसा दिया है। इस वर्ष अस्पताल को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है। जिनमें एक्स-रे, रक्त जांच, ईसीजी, मल्टीपैरामॉनीटर और ऑर्थो स्पेशलिस्ट की सेवाएं भी शामिल हैं। आवश्यक चिकित्सा उपकरणों का डुलान तेज़ी से किया जा रहा है और अधिकांश उपकरण पहले ही पहुंच चुके हैं। फाटा स्थित अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जा रही है, जिसमें एक्स-रे की सुविधा भी उपलब्ध होगी। वहीं पैदल मार्ग पर स्थित 12 चिकित्सा इकाइयों में प्रशिक्षित चिकित्सक एवं फार्मेसी अधिकारी मय उपकरण तैनात किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 12 चिन्हित हेलिपैड और पार्किंग स्थलों पर स्क्रीनिंग टीमों की भी तैनाती सुनिश्चित की गई है।

चमोली जिले में यात्रा रूट पर स्थित 20 चिकित्सा इकाइयों को 30 अप्रैल तक पूर्ण रूप से तैयार कर लिया जाएगा। सभी आवश्यक उपकरण, दवाएं और स्टाफ यहाँ तैनात किए जा रहे हैं। चार प्रमुख विभागीय स्क्रीनिंग पॉइंट—गोचर बैरियर, पांडुकेश्वर बाजार, ट्रॉमा सेंटर कर्णप्रयाग, और पांडुवाखाल (गैरसैंण)—पर तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं। श्री बद्रीनाथ धाम में स्वामी विवेकानंद संस्था द्वारा अलग से एक स्क्रीनिंग पॉइंट भी संचालित किया जाएगा। इन सभी स्थानों पर फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, CHO, वार्ड बॉय और सफाई कर्मियों की सुबह-शाम की ड्यूटी सुनिश्चित की गई है।

चारधाम यात्रा के पहले चरण में शामिल मां गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम पर स्वास्थ्य विभाग की सभी चिकित्सा इकाइयों में तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इन दोनों धामों सहित स्क्रीनिंग पॉइंट्स पर आवश्यक चिकित्सा एवं सहायक कार्मिकों की तैनाती 28 अप्रैल से रोस्टरवार विधिवत रूप से की जाएगी। गंगोत्री धाम व जानकीचट्टी में महानिदेशालय स्तर से फिजिशियन की विशेष तैनाती की जा रही है। यात्रा मार्गों पर विभागीय एवं 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सभी चिकित्सा इकाइयों में जीवनरक्षक दवाइयां एवं आवश्यक उपकरण पहले ही पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दिए गए हैं। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने हेतु विभिन्न प्रकार की IEC गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं, जिससे वे सुरक्षित और स्वस्थ यात्रा का अनुभव कर सकें। स्क्रीनिंग पॉइंट्स पर सभी 50 वर्ष से ऊपर के श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रुप से किए जाने हेतु निर्देश दिए जा चुके है।

इस बार यात्रा मार्ग पर 69 चिकित्सा अधिकारी पहले से ही तैनात हैं। इनके अतिरिक्त अन्य जनपदों से हर 15 दिन में रोटेशनल आधार पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। तैनात किए जाने वाले विशेषज्ञों में 2 ऑर्थो सर्जन, 2 फिजीशियन, 5 निश्चेतक (एनेस्थेटिस्ट), 5 जनरल सर्जन, 10 अतिरिक्त ऑर्थो सर्जन और भारत सरकार से नियुक्त विशेषज्ञ (विशेष रूप से बद्रीनाथ/जोशीमठ के लिए) शामिल हैं। इस व्यवस्था के तहत कुल 121 स्टाफ नर्स, 26 फार्मासिस्ट, 309 ऑक्सीजन बेड, 6 ICU बेड, 13 विभागीय एम्बुलेंस, 17 ‘108’ सेवा एम्बुलेंस, 1 ब्लड बैंक और 2 ब्लड स्टोरेज यूनिट्स की तैनाती की जा रही है। बद्रीनाथ, गोविंदगढ़ और पालना भंडार में स्थापित MRP इस वर्ष भी संचालित रहेंगे। इसके अलावा, 5 नए स्थानों—गोचर, नांगसू, मंडल, कटोरा और हनुमानचट्टी—में भी MRP बनाए जा रहे हैं। इन स्थलों पर प्लेटफार्म निर्माण कार्य प्रगति पर है और संबंधित एजेंसियों को कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

श्रद्धालुओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने हेतु खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी। लाइसेंस प्राप्त दुकानदारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि बिना पंजीकरण वाले खाद्य विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने एक खाद्य सुरक्षा मोबाइल वैन भी तैनात की है, जो यात्रा मार्ग पर सतत निरीक्षण करेगी और संदिग्ध खाद्य सामग्री की ऑन-स्पॉट जांच भी करेगी।चारधाम यात्रा मार्ग पर गोचर बैरियर, पांडुकेश्वर, कर्णप्रयाग और पांडुवाखाल जैसे प्रमुख स्क्रीनिंग पॉइंट्स पर आवश्यक मानव संसाधन की तैनाती की जा चुकी है। इनमें फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, CHO, वार्ड बॉय और सफाई नायक की सुबह-शाम ड्यूटी सुनिश्चित की गई है। बद्रीनाथ धाम में स्वामी विवेकानंद संस्था द्वारा एक अलग स्क्रीनिंग सेंटर भी संचालित किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यहां तैनात स्टाफ बहुभाषी हो ताकि देशभर से आने वाले तीर्थयात्रियों को आसानी से सेवा मिल सके और उन्हें तुरंत प्राथमिक जांच एवं स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने युवाओं को देशभक्ति और साहस के मार्ग पर चलने के लिए किया प्रेरित।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेशावर कांड की वर्षगांठ पर विकासखण्ड थलीसैंण के पीठसैंण में आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले में प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि आजादी के वीर सिपाहियों के त्याग और बलिदान के कारण आज हम खुली सांस ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश की रक्षा में बलिदान देने वाले वीर जवानों के परिजनों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।

बुधवार को पीठसैंण स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्मारक स्थल पर आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इससे पहले उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा पर पुष्प भी अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए  आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस नृशंस कृत्य का बदला अवश्य लेगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी।

मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड के साथ ही  समूचे देश के गौरव हैं। पेशावर में निहत्थे लोगों पर गोली चलाने से इन्कार कर उन्होंने मानवता और नैतिकता का जो उदाहरण पेश किया, वह इतिहास में अमर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वीर गढ़वाली की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और युवाओं को उनके आदर्शों से प्रेरित करने के लिए उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रम चला रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखंड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है, हमें अपनी सैनिक परंपरा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और देश की सरहद पर तैनात वीर जवानों के परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के परिवारजनों को मिलने वाली अनुग्रह सहयोग राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दी जा रही है।  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिकता संहिता कानून को लागू किया है। उन्होंने कहा जनभावना के अनुरूप सख़्त भू- कानून लाया गया है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद राज्य में 22 हजार से अधिक नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली देश की चेतना, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि इस महानायक ने मानवता की रक्षा के लिए अपने कैरियर और जीवन को दांव पर लगा दिया। उन्होंने युवाओं को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के जीवन से प्रेरणा लेकर देशभक्ति, ईमानदारी और साहस के मार्ग पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा विद्यालयी पाठ्यक्रम में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जीवनी शामिल की जाएगी। थलीसैंण में एक भव्य ऑडिटोरियम और बूंगीधार में एक खेल का मैदान भी बनाया जाने की बात कही।  उन्होंने कहा कि पीठसैंण में 100 गरीब व अनाथ बच्चों के लिए हॉस्टल बनकर तैयार हो गया है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की पहल से डॉक्टरों की मांगों पर बनी सहमति।

पी.एम.एच.एस. (PMHS) के सदस्यों ने आज स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के बुलावे पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। यह बैठक सचिवालय स्थित स्वास्थ्य अनुभाग में आयोजित की गई, जिसमें डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. रमेश कुँवर, डॉ. तुहिन कुमार, डॉ. अजीत मोहन जौहरी, डॉ. मनीष कुमार सहित सचिवालय के स्वास्थ्य अनुभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों की लंबे समय से लंबित मांगों पर विस्तृत चर्चा करना था। इसमें तीन प्रमुख मांगों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि इन तीन में से दो मांगों को अगले एक माह के भीतर पूर्ण करने हेतु आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।

तीसरी मांग पर भी चर्चा हुई, जिसे पूर्ण करने में कुछ अधिक समय लग सकता है। स्वास्थ्य सचिव ने यह जानकारी भी खुलकर दी और भरोसा दिलाया कि इस पर भी सकारात्मक प्रयास जारी रहेंगे। डॉ. मनोज वर्मा ने कहा स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार का रुख अत्यंत सहयोगात्मक और सकारात्मक रहा, जिससे उपस्थित प्रतिनिधिमंडल में संतोष का भाव देखने को मिला। उन्होंने डॉक्टरों के हित में संतुलन बनाते हुए राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को भी साझा किया।

डॉ. रमेश कुँवर ने कहा पी.एम.एच.एस. ने सचिव महोदय के इस सकारात्मक आश्वासन को स्वीकार करते हुए निर्णय लिया है कि ब्लैक रिबन बांधकर कार्य करना एवं विरोध प्रदर्शन आगामी एक माह के लिए स्थगित किया जा रहा है। संगठन का मानना है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुरूप तय समय सीमा में सभी मांगों का समाधान कर दिया जाएगा। पी.एम.एच.एस. सरकार के इस सकारात्मक दृष्टिकोण का स्वागत करता है एवं आशा करता है कि स्वास्थ्य विभाग एवं डॉक्टरों के बीच समन्वय और सहयोग की यह भावना भविष्य में भी बनी रहेगी।

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