जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई, के बाद केंद्र सरकार ने आतंक के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। गृहमंत्री अमित शाह ने देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें देश से वापस भेजा जाए।
इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि पाकिस्तानी नागरिकों का भारत से लौटना अब तय है। देशभर में इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और विभिन्न राज्यों में वीजाधारकों की समीक्षा की जा रही है।
हल्द्वानी में पांच पाकिस्तानी महिलाएं लंबे समय से रह रहीं
उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा क्षेत्र में ऐसी पांच पाकिस्तानी महिलाएं रह रही हैं, जो लगभग 30 से 40 वर्षों से भारत में लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर निवास कर रही हैं। इन सभी महिलाओं ने स्थानीय भारतीय पुरुषों से विवाह किया है और यहां स्थायी रूप से अपने परिवारों के साथ रह रही हैं।
प्रशासन से संपर्क नहीं, लेकिन बेचैनी का माहौल
फिलहाल स्थानीय प्रशासन की ओर से इन महिलाओं से कोई आधिकारिक संपर्क नहीं किया गया है। हालांकि केंद्र से आए निर्देशों के बाद इन परिवारों में स्पष्ट चिंता और असमंजस का माहौल बन गया है।
इन महिलाओं के परिवारों का कहना है कि वे वर्षों से भारत में शांतिपूर्वक रह रहे हैं, उनके बच्चे भी यहीं जन्मे हैं और पढ़-लिखकर काम कर रहे हैं।
आतंकवाद को जवाब, पर मानवीय नजरिए की भी जरूरत
भारत सरकार ने आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि ऐसे मामलों की समीक्षा करते समय मानवीय पहलुओं और वैवाहिक अधिकारों को भी ध्यान में रखा जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉन्ग टर्म वीजा धारकों के मामलों को केस-बाय-केस आधार पर परखा जाए, ताकि निर्दोष और वर्षों से देश के नागरिकों की तरह रह रहे लोगों के साथ अन्याय न हो।